काश!! कह देती मुझे प्यार है तुमसे
यूं तो ज़िंदगी मेरी गमगी़न थी ही हमेशा से पर इक अधूरी ख्वाहिश ने मौत से रूबरू करवा दिया इसे मन था कि कहें वो भी मुझे कभी "I love you" आगे से पर हमेशा कहती थी वो मन ही नहीं अभी, जब होगा तब बोलूँगी दिन गुज़रते रहे, रातें गुज़रती रही दिन नम थे, रातें भीगी हुई बारिशें जो होती थी मेरी आँखों से अक्सर उन दिनों करती थी वो मेरी धडकनों से गुफ्तगू थम जायेंगे दोनों यूं ही वक्त के साथ वो मगरूर है अपने में ही अपने वक़्त के साथ छोडते हैं ना उस दर्द का साथ ऐसा भी कोई हमदर्द होता है क्या जो छोड देता है अपने हमदर्द का हाथ यूं बेपनाह चाहकर उसको क्या मिला मुझे खोयी हुई नींदें , भीगी हुई पलकें टूटे हुये सपने, बेचैन धडकनें लबों की खामोशी, आँखों का इंतजार और अधूरा मेरा संसार जिसको है अभी भी उसी का इंतजार दिल को है ये उम्मीद अभी भी कि कभी तो कहेगी वो मुझसे कि मुझे प्यार है तुमसे क्यूँकि किया था उसने वादा मुझसे मुझे चुराने का मेरे साथ जीने मरने का, मुझे अपना बनाने का, पर शायद भूल गई थी वो शायद याद्दाश्त कमजोर थी उसकी ये सोचकर दिल तसल्ली देता रहा खुद को पर टूट गया इक दिन अचानक ही जब देखा उसे किसी